आज इंटरनेट का युग आ गया हैं। बहुत ही कम समय मे भले ही इंटरनेट ने अपनी खास जगह बना ली हो, लेकिन आज भी अगर लोगो को बेसब्री से किसी का इंतज़ार रहता है तो वह है - समाचार पत्र ।हर रोज की घटनाओं का लेखा-जोखा पत्रकारों के पास रहता हैं। घटनाओ को कैसे वह प्रस्तुत करते है ,लोगो को जोड़ते है आदि सब पत्रकारिता कहलाता हैं। पत्रकारिता अभिव्यक्ति की कला हैं। आज जमाना फैक्स, मॉडम से कंप्यूटर तक आ पहुँचा हैं तो पत्रकारिता करने का ढंग भी आधुनिक हो चला हैं। आज रिकॉर्ड करके समाचार लिख दिए जाते हैं । आज पत्रकारिता समाचार -पत्रो तक ही सीमित नही हैं। इसने टेलीविजन जगत के न्यूज़ चैनलों, दूरदर्शन, रेडियो आदि को भी शामिल कर लिया हैं।पत्रकारिता एक समाज सेवा है । पत्रकारिता का महत्व जानते हुए सरकार ने कई सरकारी पत्रकारिता प्रशिक्षण केंद्र खोल दिए हैं।इन से प्रशिक्षण प्राप्त कर के विद्यार्थी सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, फ़िल्म विभाग आदि में प्रवेश पा सकते हैं। पत्रकारिता का सीधा संबंध जनता से होता हैं। पत्रकारिता की स्वतंत्रता जहाँ लोकतंत्र का हथियार बन कर उभरी है , वही इसकी स्वतंत्रता का दुरुप्रयोग भी होता रहा हैं। आज पत्रकारिता कुछ जगह बिक जाती हैं। पत्रकारिता पर जन - सेवा से अधिक निजी स्वार्थ भारी पड़ते दिख रहे हैं।
पत्रकारिता बुलंद ,
प्रचंड है।
शिवानी त्यागी
Bahut khub shivani ji....ese hi likhte rahiye🤗
जवाब देंहटाएंThank you priya
जवाब देंहटाएंBohot bdiya yrr
जवाब देंहटाएंGood. Keep it on. You have the potential of writing art.
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