गुरुवार, 4 अक्टूबर 2018

तलब लाइक्स की

यार !!!
दो घंटे हो गए इस फोटो पर इतने कम लाइक्स क्यों ?
मुझे तो यह फोटो बहुत पसंद है।
यार सब ने लाइक कर दिया पर उसने लाइक क्यों नहीं किया क्या यह फोटो ठीक नहीं थी ?
लत लाइक्स की 
शरीर में जब कोई तत्व खत्म हो जाता है तो शरीर  उसे वापस माँगता है। लेकिन जब शरीर को उस तत्व की आदत या लत लग जाती है तो तो शरीर उसे बार-बार मांगता है और उसे पाने के लिए तड़पता हैं।
तलब 
लत 
लत सिगरेट , दारू , चाय , चरस ,गांजा या ड्रग्स की
यह सब चीजें तो आम हैं और घिसी - पीटी है क्योंकि इन सब की आदत हर किसी को नहीं लगती पर एक ऐसी चीज है जिसकी आदत हम सबको लग गई है और इसके बारे में हमें नहीं पता और वो है है किसी की अटेंशन पाने की लत फेसबुक पर किसी के लाइक्स पाने की लत जो हम सबको लगी हुई है जब हम फेसबुक पर स्टोरी डालते हैं तो उसके बाद फ़ोन को साइड में रखते हैं ???
नहीं 
हम हर 10 मिनट में फोन चेक करते हैं किस-किसने लाइक, कमेंट करा है 
इन सब से भी अलग यह देखना कि जिस की अटेंशन पाने के लिए यह फोटो डाली है क्या उस खास इंसान ने लाइक किया? 
अगर लाइक नहीं किया तो क्यों नहीं किया ?
जब तक उस खास शख्स का लव या लाइक उस पोस्ट पर  नहीं मिलता तब तक फोन चेक करते रहना ।
इन सब में दो महत्वपूर्ण बात सामने आती है
एक तो समय बर्बाद होता है और दूसरा हमें लोगों से अप्रूवल लेनी की लत लग जाती है।
फेसबुक पर हर बार ज्यादा लाइक मिले ये संभव नही हैं। तो इसका ईलाज क्या है ? 
फेसबुक बंद कर दी जाए ?
ये कर पाना मुश्किल है क्योंकि इतनी जल्दी इस आदत से छुटकारा नही मिल सकता क्योंकि फेसबुक का नशा सिगरेट शराब से कम खतरनाक नहीं है क्योंकि एक बार लग जाए तो इंसान की रातों की नींद उड़ जाती है। लाइक्स के आगे उसे भूख- प्यास नजर नहीं आती है ना ही काम में मन लगता है दूसरों को घूमता-फिरता , पार्टी करता , महंगे कपड़े खरीदते व्यक्तिगत जीवन में असंतोष का भाव पैदा होने लगता है ।
सोशल मीडिया की लत से उबरने के लिए कुछ उपाय है।
*तुलना से बचें
फेसबुक की दुनिया में चल रही हलचल को अपनी भावनाओं पर भी हावी ना होने दें । न हीं दूसरे की खुशियों से तुलना करें ये ना भूले कि वक्त बीतने के साथ घूमने फिरने और अपनों के साथ जश्न मनाने की मौके हर किसी के जीवन में आते हैं।
*कल्पना में ना जिएं 
प्यार जताने और सामने वाले की अहमियत दर्शाने का हर इंसान का अलग तरीका होता है इसलिए फेसबुक पर कोई जब अपने पार्टनर के साथ महंगे तोहफे , सरप्राइज डिनर डेट, मिलने की बात करें तो खुद के पार्टनर से कभी ऐसी उम्मीद ना करें ।
*फोन फ्री जोन निर्धारित करें
बैडरूम और लिविंग रूम काम की व्यवस्था से बाहर निकल कर परिवार के साथ खुशनुमा पल बिताने का मौका देते हैं।  इसलिए फोन फ्री जोन बनाने की कोशिश करें । डायनिंग रूम में कभी भी फोन का इस्तेमाल ना करें और इस्तेमाल कम से कम करें ताकि घर वालों के साथ खाना खाने का भरपूर लो तो उठाया जा सके। फोन के इस्तेमाल का समय निर्धारित कर ले 
*ऑफलाइन साथ पर जोर दें
रिश्ते खुशियों की चाबी होते हैं हालांकि अपनों से जुड़ाव सिर्फ ऑनलाइन दुनिया तक सीमित नहीं रहना चाहिए समय-समय पर मिलने और फोन पर बात करने से दिल का रिश्ता मजबूत बनाने की कोशिश होनी चाहिए । 

-35 करोड़ लोग दुनिया में फेसबुक एडिक्शन से ग्रसित हैं।

- 03 करोड़ सिर्फ हॉस्टिंग पर ही खर्च करता है फेसबुक।

- 06 लाख के करीब हैकर्स अटैक होते हैं रोजाना फेसबुक पर
स्मार्टफोन ने हमारी जिंदगी भले ही आसान कर दी हो , लेकिन इसकी जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल ने मुश्किलें भी खड़ी कर दी हैं। उनमे सबसे बड़ा कारण फेसबुक सोशल साइट हैं।
फेसबुक हर किसी की जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है। चाहे स्कूल-कॉलेज स्टूडेंट्स हों या फिर प्रोफेशनल्स, हर कोई इस सोशल नेटविर्कंग साइट पर है। कई युवा तो अपना ज्यादातर समय फेसबुक पर ही बिताते हैं। थोड़ी-थोड़ी देर में अपनी स्टेटस अपडेट करते हैं, फोटोग्राफ अपलोड करते हैं और काउंट करते रहते हैं कि उन्हें कितने लाइक मिले। उनका यही एडिक्शन उन्हें मानसिक रूप से बीमार बना रहा है।  फेसबुक एक-दूसरे से जुड़े रहने का अच्छा माध्यम है। यह नेटवर्किंग का भी अच्छा जरिया है, लेकिन इसका उपयोग एक लिमिट तक ही अच्छा रहता है। आजकल यंगस्टर्स में इसकी एडिक्शन बढ़ गई है।
वह हर दूसरे मिनट ये चेक करते हैं कि उन्होंने जो फोटो या स्टेटस पोस्ट किया था, उसे कितने लोगों ने लाइक किया या कमेंट किया। उनके दिमाग में यही सब घूमता रहता है। कई लोग तो 14-15 घंटे फेसबुक पर एक्टिव रहते हैं। 
उन्हें चाहिए कि अपनी टाइमिंग को कम करें, ताकि वह दूसरी चीजों पर भी फोकस कर सकें।

शिवानी त्यागी



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